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नई दिल्ली : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर हाल ही में पाकिस्तान के दौरे पर गए थे। जयशंकर ने यहां शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भारत के प्रतिनिधि के रूप में हिस्सा लिया। दोनों देशों के संबंधों में जारी तनाव के बीच पिछले 9 वर्षों में भारत के विदेश मंत्री का पाकिस्तान का यह पहला दौरा था। जयशंकर यहां पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ से भी मिले। हालांकि, दोनों देशों के बीच बैठक से इतर द्विपक्षीय मुलाकात तो नहीं हुई लेकिन जिस तरह से भारत ने इस बैठक में भागीदारी की उससे भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत निकलता दिखाई दिया था।पाकिस्तान की फिर खुली पोल
इस बीच भारत में भगोड़ा घोषित इस्लामिक प्रचार जाकिर नाइक की तस्वीरों ने पाकिस्तान की कलई खोल दी है। जाकिर की आतंकियों के साथ मुलाकात की तस्वीरों ने फिर से साफ कर दिया है कि पाकिस्तान भले ही ऊपर से कुछ भी कहे लेकिन वह सुधरने वाला नहीं है। इन तस्वीरों ने एक बार फिर साफ कर दिया है पाकिस्तान की धरती से आतंकियों को खाद-पानी मिलने के साथ ही उनको प्रश्रय दिया जा रहा है। पाकिस्तान ने एक तरह जाकिर को जहां सरकारी मेहमान बनाया है, वहीं जाकिर लश्कर के आतंकियों के साथ मुलाकात कर रहा है।
रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने के संकेत
दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लाहौर की अचानक यात्रा के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में 'लंबे समय से ठहराव जारी है। जयशंकर की यात्रा के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने को लेकर सकारात्मक माहौल बनता दिखाई दिया। हालांकि, इस मुद्दे पर सीधे तौर पर ना तो भारत और ना ही पाकिस्तान की तरफ से कोई आधिकारिक बयान आया। हालांकि, पूर्व पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने दोनों देशों के संबंधों को बेहतर करने की वकालत की गई।
नवाज ने किया अतीत को भुलाने का आग्रह
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने का कहना था कि भारत और पाकिस्तान को अतीत को भूलकर अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए। शरीफ की इस टिप्पणी को विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस सप्ताह इस्लामाबाद यात्रा के बाद भारत से रिश्तों को सुधारने की पहल के रूप में देखा जा रहा है। नवाज शरीफ ने उम्मीद जताई कि दोनों पक्षों को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए। दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर करने के लिए 'पुल' बनाने की आवश्यकता पर नवाज ने कहा कि मैं यही भूमिका निभाने का प्रयास कर रहा हूं।
'हम चाहते थे पीएम मोदी आएं'
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज ने कहा कि चीजें इसी तरह आगे बढ़नी चाहिए। हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आएं, लेकिन यह अच्छा हुआ कि भारतीय विदेश मंत्री आए। मैंने पहले भी कहा है कि हमें अपनी बातचीत के क्रम को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने 70 साल इसी तरह (लड़ाई करते हुए) बिताए हैं और हमें इसे अगले 70 सालों तक नहीं चलने देना चाहिए। दोनों पक्षों को बैठकर चर्चा करनी चाहिए कि आगे कैसे बढ़ना है।
क्रिकेट संबंधों को शुरू करने की वकालत
वर्ष 2016 में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा भारत पर किए गए कई हमलों के बाद, भारत ने पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय वार्ता न करने का फैसला किया। भारत लगातार यह कहता रहा है कि बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। इस बीच नवाज शरीफ का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर दोनों टीम पड़ोसी देश में किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में खेलती हैं तो वह भारत की यात्रा करना चाहेंगे। शरीफ ने दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक संबंधों के महत्व पर भी जोर दिया।
पाकिस्तान की फिर खुली पोल
इस बीच भारत में भगोड़ा घोषित इस्लामिक प्रचार जाकिर नाइक की तस्वीरों ने पाकिस्तान की कलई खोल दी है। जाकिर की आतंकियों के साथ मुलाकात की तस्वीरों ने फिर से साफ कर दिया है कि पाकिस्तान भले ही ऊपर से कुछ भी कहे लेकिन वह सुधरने वाला नहीं है। इन तस्वीरों ने एक बार फिर साफ कर दिया है पाकिस्तान की धरती से आतंकियों को खाद-पानी मिलने के साथ ही उनको प्रश्रय दिया जा रहा है। पाकिस्तान ने एक तरह जाकिर को जहां सरकारी मेहमान बनाया है, वहीं जाकिर लश्कर के आतंकियों के साथ मुलाकात कर रहा है।रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने के संकेत
दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लाहौर की अचानक यात्रा के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में 'लंबे समय से ठहराव जारी है। जयशंकर की यात्रा के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने को लेकर सकारात्मक माहौल बनता दिखाई दिया। हालांकि, इस मुद्दे पर सीधे तौर पर ना तो भारत और ना ही पाकिस्तान की तरफ से कोई आधिकारिक बयान आया। हालांकि, पूर्व पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने दोनों देशों के संबंधों को बेहतर करने की वकालत की गई।इस्लामाबाद से प्रस्थान कर रहा हूं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार तथा पाकिस्तान सरकार को आतिथ्य और शिष्टाचार के लिए धन्यवाद।
नवाज ने किया अतीत को भुलाने का आग्रह
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने का कहना था कि भारत और पाकिस्तान को अतीत को भूलकर अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए। शरीफ की इस टिप्पणी को विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस सप्ताह इस्लामाबाद यात्रा के बाद भारत से रिश्तों को सुधारने की पहल के रूप में देखा जा रहा है। नवाज शरीफ ने उम्मीद जताई कि दोनों पक्षों को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए। दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर करने के लिए 'पुल' बनाने की आवश्यकता पर नवाज ने कहा कि मैं यही भूमिका निभाने का प्रयास कर रहा हूं।'हम चाहते थे पीएम मोदी आएं'
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज ने कहा कि चीजें इसी तरह आगे बढ़नी चाहिए। हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आएं, लेकिन यह अच्छा हुआ कि भारतीय विदेश मंत्री आए। मैंने पहले भी कहा है कि हमें अपनी बातचीत के क्रम को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने 70 साल इसी तरह (लड़ाई करते हुए) बिताए हैं और हमें इसे अगले 70 सालों तक नहीं चलने देना चाहिए। दोनों पक्षों को बैठकर चर्चा करनी चाहिए कि आगे कैसे बढ़ना है।हमने 70 साल इसी तरह (लड़ाई करते हुए) बिताए हैं और हमें इसे अगले 70 सालों तक नहीं चलने देना चाहिए...हमने (पीएमएल-एन की सरकारों ने) इस रिश्ते को चलने देने के लिए कड़ी मेहनत की है। दोनों पक्षों को बैठकर चर्चा करनी चाहिए कि आगे कैसे बढ़ना है। हमें अतीत में नहीं जाना चाहिए और भविष्य की ओर देखना चाहिए। बेहतर होगा कि हम अतीत को दफना दें ताकि हम दोनों देशों के बीच के अवसरों का इस्तेमाल कर सकें।
क्रिकेट संबंधों को शुरू करने की वकालत
वर्ष 2016 में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा भारत पर किए गए कई हमलों के बाद, भारत ने पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय वार्ता न करने का फैसला किया। भारत लगातार यह कहता रहा है कि बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। इस बीच नवाज शरीफ का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर दोनों टीम पड़ोसी देश में किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में खेलती हैं तो वह भारत की यात्रा करना चाहेंगे। शरीफ ने दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक संबंधों के महत्व पर भी जोर दिया।जाकिर की तस्वीरों पर क्या कहेगा पाकिस्तान
पाकिस्तान में विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक खुलेआम लश्कर के आतंकियों से मिल रहा है। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल है। इन तस्वीरों ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर सिर्फ जुबानी जमा ही खर्च करता है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में भगोड़ा घोषित जाकिर नाइक पाकिस्तान के लश्कर कमांडर मुजम्मिल इकबाल हाशमी, मुहम्मद हारिस धर और फैसल नदीम से मुलाकात की। नाइक की यह मुलाकात लाहौर की बादशाही मस्जिद में हुई। इस तस्वीर ने जाकिर के साथ ही पाकिस्तान के इरादे भी साफ कर दिए हैं। ऐसे में सवाल है कि अब पाकिस्तान आतंकियों की इन तस्वीरों पर क्या कहेगा।
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